Monday, November 22, 2010

UTTHAN FOUNDATION


जो भी जहाँ जिस रूप में, इस पृथ्वी पर है विद्यमान,
 उसका हर हाल में  हर तरह  से  हो उत्थान 
पशु हो या इंसान , हो हिन्दू या मुसलमान.
सबको मिले पूरा सम्मान

सामजिक एवं आध्यात्मिक उत्थान मे जुटी ट्रस्ट
उत्थान फाउंडेशन ( पंजीकृत)


क्या आप...?

  • क्या आपको अपने व अपने परिवार के लिए एक आध्यात्मिक एवं सकारात्मक वातावरण की आवश्यकता है?
  • क्या आप अपनी रोज़मर्रा की नियमित दिनचर्या से ऊब चुकें है?
  • क्या आप कुछ नया सीखना या दूसरों को नया कुछ सिखाना चाहतें हैं? 
  • आपके पास खली समय तो है पर  करने को कुछ नहीं?
  • क्या आप इस समाज, देश या विश्व के लिए कुछ करना चाहतें है?
यदि हाँ तो हमसे जुड़ें.  

उत्थान क्या है ?
 'उत्थान'भारत सरकार द्वारा  मान्यता प्राप्त एक गैरसरकारी,  सामाजिक एवं आध्यात्मिक चेरिटेबल  ट्रस्ट  है .
जो कि 'इंडियन रजिस्ट्रेशन  एक्ट' के तहत पंजीक्रत है. 

अर्थ  
उत्थान यानी उठना, आगे बढना, जो जहाँ है वहां से , उस स्थिति - परिस्थिति से और ऊपर उठना है . भौतिक  एवं आर्थिक रूप से ही नहीं भावनात्मक रूप से भी . सुख -सुविधाओं कि दृष्टि से ही नहीं व्यक्तित्व एवं व्यवहार कि दृष्टि से भी समृद्ध होना . उत्थान मात्र किसी एक व्यक्ति या विशेष वर्ग के ऊपर उठने का नाम नहीं बल्कि सबके सामूहिक एवं सम्पूर्ण रूप से ऊपर उठने का नाम है 'उत्थान'.

उद्देश्य
ट्रस्ट का उद्देश्य मानवोत्थान  द्वारा विश्वत्थान है ताकि सुनहरे  कल का  ही नहीं एक बेहतर आज का भी  निर्माण हो सके . फिर वह  पशु हो या इंसान, हिन्दू हो या मुसलमान . हर कामना से भावना तक, इस धरती से आसमान तक , जो भी जहाँ जिस रूप में इस पृथ्वी पर विद्यमान है उसका हर तरह  से उत्थान हो.

 क्यों ?
हमारा  सामाज निम्न, मध्य  एवं उच्च  तीन वर्गों में बंटा हुआ है . अमूमन जितनी भी सरकारी - गैर सरकारी संस्थाएं हैं  वह निम्न यानी गरीब, दुखी , असहाय , अक्षम एवं  आश्रित वर्ग के उत्थान मे ही जुटी हुई हैं पर हाल और हालात में कोई विशेष अंतर  नहीं आया है. क्योंकि यह जो  हालत, अंतर  और असंतुलन है उसका जिम्मेदार बहुत हद तक उच्च वर्ग भी है . निम्न वर्ग के उत्थान के लिए  तो कार्य हो रहा है पर उच्च वर्ग पर कोई कार्य नहीं हो रहा  इसलिये  काम उन पर भी होना चाहिए .
दान, दया, मदद और आश्वासन जरूरी है  पर काफी नहीं. हमें उस तल  पर भी कार्य करना है जो इस अंतर और हालात को बनाने एवं बनाए रखने में जिम्मेदार है यानी उच्च वर्ग. हम उन्हें पहले से ही समृद्ध एवं  सम्प्पन समझते हैं . आर्थिक रूप से भले नहीं  पर उन्हें भावनात्मक एवं बोद्धिक रूप से ऊपर उठने की जरूरत है .इसलिए निम्न  की  मदद करके और उच्च की समझ बढ़ाकर ही इस अंतर को मिटाया जा सकता है
हमें बाहरी एवं भीतरी, सूक्ष्म एवं स्थूल दोनों  तलों पर काम करना है . इसलिये हमें सहयोग ही नहीं, नई सोच भी चाहिए. दान ही नहीं, दृष्टिकोण भी चाहिए. दया या सहानुभूति ही नहीं, संवेदनाएं भी चाहिए.  जब हर तल पर हर तरह से कार्य होगा  तभी हर इंसान के वास्तविक उत्थान द्वारा देश एवं विश्व कि दशा को बदला जा सकता है .
इसलिए हमारी सेवाएँ एवं योजनाएं, कार्यक्रम एवं गतिविधियाँ, उद्देश्य तथा कार्यनीति  सभी कुछ विविध  एवं बहुयामी है जिसका आधार सामाजिक एवं आध्यात्मिक  उत्थान है .

जीवन एक बार मिलता है, उसे यूँ   ही व्यर्थ न गवाएँ
कुछ काम करें व किसी के काम आएं
जुड़े और जुटाएं, 'उत्थान' से हाथ  मिलाएं.

सामजिक एवं आध्यात्मिक उत्थान मे जुटी ट्रस्ट
उत्थान फाउंडेशन